मणिपुर की राजधानी इंफाल इंटरनेशनल एयरपोर्ट के एयर स्पेस में एक अज्ञात उड़ने वाली वस्तु (UFO) दिखाई दिए जाने के बाद सामने आई है। जैसे ही Imphal UFO Viral News की सूचना भारतीय वायुसेना (IAF) को मिली, एयरफोर्स ने उसकी तलाश में अपने 2 राफेल लड़ाकू विमान रवाना कर दिए। जानकारी के अनुसार दोपहर करीब 2:30 बजे इंफाल हवाई अड्डे के ऊपर किसी अज्ञात वस्तु को उड़ते हुए देखा गया, जिसके चलते कुछ कमर्शियल फ्लैट भी प्रभावित हईं।
इंफाल में एयरपोर्ट के पास Imphal UFO Viral News से हड़कंप मच गया। रक्षा सूत्रों ने न्यूज़ एजेंसी एएनआई को बताया, इंफाल हवाई अड्डे के पास UFO के बारे में खबर मिलने के तुरंत बाद नजदीकी एयरवेस से राफेल लड़ाकू विमान को UFO की तलाश के लिए भेजा गया। उन्होंने बताया कि पहले विमान के वापस लौट के बाद एक और राफेल लड़ाकू विमान भेजा गया था। काफी कुछ दिन की लेकिन इलाके के आसपास UFO से जुड़ा कुछ भी नहीं मिला।
भारतीय वायु सेना तुरंत हुई सक्रिय
इंफाल एयरपोर्ट अधिकारियों ने बताया कि शाम 4:00 बजे तक UFO नग्न आंखों से हवाई क्षेत्र के पश्चिम की ओर बढ़ता हुआ दिखाई दे रहा था। इंफाल हवाई अड्डे पर Imphal UFO Viral News सामने आने के बाद एजेंसियां UFO के विवरण का पता लगाने की कोशिश कर रही है। इंफाल हवाई अड्डे से उड़ान के लिए मंजूरी मिलने के तुरंत बाद भारतीय वायु सेना केस शिलांग मुख्यालय वाली पूर्वी कमान ने कहा कि उसने तुरंत अपने एयर डिफेंस सिस्टम को सक्रिय कर दिया है।
वायु सेवा के पूर्वी कमान ने X (पहले ट्विटर) पर एक पोस्ट में कहा, “इंफाल हवाई अड्डे सेImphal UFO Viral News सामने आने के बाद भारतीय वायु सेना (IAF) ने हमें उड़ान भरी। हालांकि तलाशी के दौरान कोई भी वस्तु नहीं देखी गई।” गौरतलब है कि भारतीय वायु सेना के राफेल लड़ाकू विमान पश्चिम बंगाल के हाशिमारा हवाई अड्डे पर तैनात है और जरूरत पड़ने पर चीन सीमा के पूर्वी क्षेत्र के अलग-अलग हवाई अड्डों से उड़ान भरते रहते हैं।
![Imphal airport](https://24hindinews.in/wp-content/uploads/2023/11/Imphal-airport-1024x576.png)
सुरक्षा के चलते दो फ्लाइट की गईं डायवर्ट
सुरक्षा के लिहाज से 2 फ्लाइट्स को दूसरे हवाई अड्डों की तरफ डायवर्ट किया गया। Imphal UFO Viral News में जब अधिकारी यह समझने की कोशिश कर रहे थे कि क्या हो रहा है, कोलकाता से इंफाल तक 173 यात्रीयों को ले जा रही एक इंडिगो A320 को सुरक्षा एजेंसियों से मंजूरी मिलने तक होल्डिंग पेटर्न बनाए रखने का निर्देश दिया गया था। दोपहर 3:03 बजे गुवाहाटी, असम के लिए पुनः निर्देशित होने से पहले इंडिगो की उड़ान 25 मिनट तक होल्डिंग पैटर्न में थी।
Imphal UFO Viral News दिखाई दिए जाने के बाद, शाम 4:05 बजे, 183 यात्रियों के साथ दिल्ली से इंफाल जाने वाली इंडिगो A320 की एक और उड़ान को कोलकाता की ओर मोड़ दिया गया। इंफाल हवाई अड्डे के निदेशक चिपेम्मी कीशिंग ने एक बयान में ड्रोन की मौजूदगी को स्वीकार किया। अधिकारी के अनुसार, सक्षम प्राधिकारी द्वारा सुरक्षा मंजूरी दिए जाने के बाद तीनों उड़ने रवाना हईं। जिससे तीनों उड़ानों के टेक ऑफ में देरी हुई।
Imphal UFO Viral News पड़ोसी राज्यों में अलर्ट
शिलांग स्थित भारतीय वायु सेना की (IAF) पूर्वी कमान कि इस पूरे घटनाक्रम पर नजर बनी हुई है। मणिपुर की सीमा नागालैंड, मिजोरम और असम में लगती है। Imphal UFO Viral News के इस आर्टिकल में हम आपको बताते हैं कि, इसके अलावा यह पूर्वी क्षेत्र में म्यांमार के साथ इंटरनेशनल सीमा साझा करता है। सभी एजेंसियां हाई अलर्ट पर हैं। बॉर्डर पर और कड़े इंतजाम किए गए हैं।
मणिपुर में चीन का जासूसी गुब्बारा?
Imphal UFO Viral News में पड़ोसी देश चीन की जासूसी लगती है क्योंकि जिस तरह चीन लगातार दुनिया के अलग-अलग देश में अपने जासूसी यूएफओ जैसे दिखने वाले गुब्बारे भेज चुका है। चीन पर सवाल इसलिए भी खड़े होते हैं क्योंकि चीन ने मणिपुर के नजदीक म्यांमार के कोको द्वीप को अपनी जासूसी गतिविधियों का अड्डा बना लिया है। म्यांमार के कोको द्वीप पर चीन का सीक्रेट सैन्य अड्डा बन चुका है और इसे भारत की चिंता लगातार बढ़ रही हैं।
![क्या मणिपुर में चीन का जासूसी गुब्बारा?](https://24hindinews.in/wp-content/uploads/2023/11/Rafale-Fighter-Jets-2-1024x576.jpg)
इस साल जनवरी में मैक्सर टेक्नोलॉजी द्वारा ली गई सेटेलाइट तस्वीरों से ग्रेट कोको द्वीप क्षेत्र में नहीं इमारत का बना सामने आया है। यहां इसके केंद्र में बने दो नए हैंगर देखे जा सकते हैं और इसके साथ ही उत्तर में भी कुछ नहीं इमारतें भी दिख रही हैं। Imphal UFO Viral में आशंका है कि चीन के इशारे पर म्यांमार यह निर्माण कर रहा है। असल में चीन हिंद महासागर तक अपनी पहुंच बढ़ाने के लिए आसान विकल्प की तलाश में है।
क्या होता है जासूसी गुब्बारा?
जासूसी गुब्बारा असल में कै गैस से भरा गुब्बारा होता है जो उस ऊंचाई पर उड़ता है जिस ऊंचाई पर आम नागरिक विमान नहीं उड़ा सकते हैं। Imphal UFO Viral News हम आपको बताते हैं कि, इसके नीचे बेहद जटिल कैमरे या इमेजिंग टेक्नोलॉजी लगी होती है। यह जमीन की तरफ देखते हुए अलग-अलग हिस्सों, इमारतों क्लासिफाइड जगहों और खुफिया स्थान की तस्वीरें लेते हैं, यानि तस्वीरों के जरिए जितनी ज्यादा सूचनाएं जमा हो सके।
जासूसी सेटेलाइट की बजाय गुब्बारा क्यों?
अंतरिक्ष से जासूसी करने के लिए आम तौर पर सैटेलाइट का इस्तेमाल होता है। लेकिन ऐसे खुफिया गब्बरों का इस्तेमाल कोई क्यों करना चाहता है। Imphal UFO Viral News में, सैटेलाइट को अलग-अलग ऑर्बिट में रखा जाता है, इसलिए मनचाहा डेटा या तस्वीर नहीं मिल पाती। धरती की निचली कक्षा पर घूमने वाले सैटेलाइट बहुत क्लियर फोटो नहीं ले पाते हैं। लेकिन विमान की ऊंचाई पर उड़ने वाले जासूसी गुब्बारे यह काम आसानी से कर देते हैं।
Imphal UFO Viral बता दें कि,सैटेलाइट अगर धरती का चक्कर लगा रहा है तो उसे इस पॉइंट पर आने में करीब 90 मिनट लगेंगे। इसीलिए फोटो में दिक्कत आती है लेकिन गुब्बारे के साथ ऐसा नहीं है। यह एक जगह का पर काफी देर तक रुक सकता है और लगातार तस्वीर ले सकता है। सैटेलाइट से ली गईं तस्वीरें बहुत कम स्पष्ट होती हैं। यह गुब्बारे सेटेलाइट के मुकाबले ज्यादा आसानी से और ज्यादा देर तक किसी इलाके को स्कैन कर सकते हैं।