महाराष्ट्र की सियासत में उद्धव ठाकरे के गुट को एक बार फिर जोरदार झटका मिला है। महाराष्ट्र विधानसभा में स्पीकर राहुल नार्वेकर ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे समेत उनके गुट के 16 विधायकों के खिलाफ अयोग्यता मामले में बड़ा फैसला दिया और कहा कि शिंदे गुट ही असली शिवसेना है, उद्धव गुट की की दलील में कोई दम नहीं है। Maharashtra Political Crisis में, 1200 पेज के इस फैसले को सुनाते वक्त स्पीकर राहुल नार्वेकर ने तीन बातों को आधार बनाया।
क्या है पॉलिटिकल मामला?
राहुल नार्वेकर ने कहा कि, पहला यह है कि पार्टी का संविधान क्या कहता है? दूसरा नेतृत्व किसके पास था? और तीसरा विधान मंडल में बहुमत किसके पास था? Maharashtra Political Crisis में, नार्वेकर ने फैसला सुनाते वक्त राहुल नार्वेकर ने चुनाव आयोग के रिकॉर्ड को आधार बनाया और कहा कि शिवसेना का 1999 का संविधान का आधार है। 1999 का संविधान ही मान्य है और सुनाएं आयोग के आधार में शिंदे गुट ही असली पार्टी है।
Maharashtra Political Crisis में बता दें कि यह मामला, मई 2022 से चल रहा है, तब से जब से शिवसेना में दो फाड़ हुआ था। दिन 16 विधायकों को आयोग घोषित की जाने की मांग की जा रही थी, वह सभी शिंदे गुट के हैं, लेकिन फैसला शिंदे गुट के समर्थन में आया है। ऐसे में शिंदे समेत 16 विधायकों पर लटकी अयोग्यता की तलवार हट गई है। चलिए आपको बताते हैं कि वही 16 विधायक कौन हैं।
मांग को विधानमंडल स्पीकर ने किया खारिज
सुनाए गए फैसले में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, संदीपन राव भुमरे, डॉक्टर तानाजी सावंत, अब्दुल सत्तार, भरत सेठ गोगावले, संजय शिरसाट, यामिनी जाधव, अनिल बाबर, डॉ बालाजी, प्रकाश सुर्वे, महेश शिंदे, लता सोनवने, चिमन राव, रमेश बोरनारे, डॉ संजय राय और बालाजी कल्याणकर शामिल हैं। इन 16 विधायकों की अयोग्यता को लेकर उद्धव गुट की तरफ से की जा रही मांग को स्पीकर राहुल नार्वेकर ने खारिज कर दिया।
Maharashtra Political Crisis 18 महीने बाद फैसला
बुधवार को शिवसेना के टूट के 18 महीने और 18 दिन बाद वह फैसला आया जिसका इंतजार उद्धव ठाकरे, एकनाथ शिंदे, बीजेपी और महाराष्ट्र की सियासत में दखल रखने वाले दिग्गजों को थी। Maharashtra Political Crisis में, शिंदे गुट महाराष्ट्र विधानसभा के स्पीकर की परीक्षा में पास हो गया। विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने शिंदे गुट को ही असली शिवसेना माना। इसी के साथ उद्धव ठाकरे गुट को बड़ा झटका लगा। लेकिन अब उद्धव ठाकरे को क्या करेगा।
उसके सामने क्या-क्या रास्ते बचे हैं यह अहम सवाल है। चलिए इन्हीं सवालों का जवाब सिलसिले बार तरीके से समझते हैं। उद्धव गुट अब सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी में है क्योंकि उसके पास पहले और सबसे बड़ा रास्ता सर्वोच्च अदालत ही है। सुप्रीम कोर्ट ने ही इस मामले में विधानसभा स्पीकर को फैसला सुनाने के लिए कहा था। Maharashtra Political Crisis में, उद्धव ठाकरे गुट 9 जनवरी को एक याचिका पहले ही दाखिल कर चुका है।
क्या बचा उद्धव ठाकरे के पास रास्ता
जिसमें उसने विधानसभा अध्यक्ष और एकनाथ शिंदे की मुलाकात पर सवाल उठाए थे उद्धव के पास जो दूसरा रास्ता बचा है, वह है जनता की अदालत का। Maharashtra Political Crisis में, राजनीतिक जानकार भी ऐसा मानते हैं कि इसका इस्तेमाल उद्धव ठाकरे आने वाले लोकसभा चुनाव में कर सकते हैं क्योंकि शिवसेना टूटने के बाद से उद्धव अपने पिता और पार्टी के संस्थापक बाल ठाकरे का नाम लेकर जनता के बीच शिंदे गुट पर आरोप लगाते आए हैं।
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