ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती का उर्स 6 दिन तक मनाया जाता है जबकि देश में सभी दरगाहों में एक या दो दिन ही उर्स मनाया जाता है
ख्वाजा गरीब नवाज के उर्स की शुरुआत हो गई है ऐसे में ख्वाजा के चाहने वालों का अजमेर उर्स में हाजरी लगाने का सिलसिला शुरू हो
चुका है।
ख्वाजा मोईनुद्दीन हसन चिश्ती जिन्हें गरीब नवाज के नाम से लोग पुकारते हैं। इस साल उनका 812वां उर्स शुरू हो गया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार
को ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती
के उर्स पर पेश की जाने वाली चादर पेश की है।
प्रधानमंत्री हर साल अजमेर शरीफ दरगाह पर उर्स के मौके पर चादर पेश करते हैं हर साल की तरह इस साल भी उनकी पेश की गई।
ख्वाजा गरीब नवाज के उर्श का आगाज़ चाँद की 25 तारीख जमादिल अव्वल से ही हो जाती हैं चाँद की 25 तारीख को परचम कुसाई होती है।
राजस्थान की दरगह अजमेर में 15 दिनों तक चलने वाले उर्स में देश-विदेश के लाखों पर्यटक जियारत के लिए अजमेर पहुंचते हैं।
ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह में दुनिया के सबसे बड़ी दो देग मौजूद हैं। देग में 120 मन यानि 4800 किलो चावल एक साथ पकाए जाते हैं।
देग में कभी भी मांसाहारी भोजन नहीं पकाया गया नहीं और ना ही लहसुन प्याज का उपयोग कभी इसमें नही किया गया है।
देग केवल मीठे चावल ही पकाए जाते हैं जो रात में पकते हैं और सुबह जहरीनो में तकसीम किया जाते हैं। जिससे आने वाला कोई मेहमान भूखा न रह पाए।
Read More..