Ajmer Sharif Dargah Urs 2024: ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती का उर्स 6 दिन तक मनाया जाता है जबकि देश में सभी दरगाहों में एक या दो दिन ही उर्स मनाया जाता है रजब के चांद दिखने के साथ ही ख्वाजा गरीब नवाज के उर्स की शुरुआत होने जा रही है ऐसे में ख्वाजा के चाहने वालों का अजमेर उर्स में हाजरी लगाने का सिलसिला शुरू हो चुका है। Ajmer Sharif Dargah Urs 2024 ख्वाजा मोईनुद्दीन हसन चिश्ती जिन्हें गरीब नवाज के नाम से लोग पुकारते हैं। इस साल उनका 812वां उर्स 18 जनवरी से शुरू हो रहा है।
दोस्तों हम आपको बता दें Ajmer Sharif Dargah Urs 2024 में पडोसी मुल्क पाकिस्तान से 230 पाकिस्तानी जायरीनों का जत्था इंडिया आया है 15 जनवरी को कड़ी सुरक्षा के बीच पाकिस्तानी जायरीनों की ट्रेन धार्मिक नगरी अजमेर (Ajmer) पहुंची. यह जायरीन पाकिस्तान सरकार की तरफ से चादर लेकर विश्व प्रसिद्ध हजरत ख्वाजा गरीब नवाज मोइनुद्दीन चिश्ती (Ajmer Sharif Dargah Urs 2024) की दरगाह में मनाए जा रहे 812वें उर्स में शरीक होने आए हैं।
सूफी संत ख्वाजा मोईनुद्दीन हसन चिश्ती का 811 वां सालाना उर्स का झंडा 18 जनवरी 23 को दरगाह के ब़ुलंद दरवाजे पर पारम्परिक रूप से भीलवाड़ा के गौरी परिवार के सदस्यों की ओर से चढ़ाया जाएगा। इसी के साथ अजमेर गरीब नवाज ख्वाजा मोईनुद्दीन हसन चिश्ती के सालाना उर्स की औपचारिक शुरूआत हो जाएगी।
प्रधानमंत्री ने ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती के उर्स पर चढ़ाई जाने वाली चादर पेश की
Ajmer Sharif Dargah Urs 2024: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती के उर्स पर पेश की जाने वाली चादर पेश की है जिसे ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती के उर्स के दौरान प्रतिष्ठित अजमेर शरीफ दरगाह पर रखा जाएगा। पीएम ने खुद एक्स पोस्ट कर इसकी जानकारी दी है। अपने पोस्ट में उन्होंने कहा मुस्लिम समुदाय के एक प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात की है।
हमारी बातचीत के दौरान मैंने पवित्र चादर पेश की है जिसे ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती के उर्स के दौरान प्रतिष्ठित अजमेर शरीफ दरगाह पर रखा जाएगा। प्रधानमंत्री हर साल अजमेर शरीफ दरगाह पर उर्स के मौके पर चादर पेश करते हैं हर साल की तरह इस साल भी उनकी पेश की गई चादर को दरगाह पर चढ़ाया जाएगा।
उर्स के मौके पर क्या होता हैं और किस तारीख को क्या होगा?
Ajmer Sharif Dargah Urs 2024: उर्श का आगाज़ चाँद की 25 तारीख जमादिल अव्वल से ही हो जाती हैं चाँद की 25 तारीख को परचम कुसाई होती है जो साल 2024 में 7 जनवरी को होगी और इसके साथ ही उर्श का एलान भी गैर ऐलानी तौर पर हो जाता है। और 12 जनवरी को जिस दिन चाँद रात थी उस दिन जन्नती दरवाज़ा खोला गया होगा। हर साल चाँद रात के दिन जन्नती दरवाजा खोला जाता हैं।
इस साल 2024 में 12 जनवरी को चाँद रात पढ़ी थी जिससे की 12 जनवरी को जन्नती दरवाज खोल दिया गया था। जो हज़रात जन्नती दरवाजा की जियारत करना चाहते थे वो 12 जनवरी से पहले लाज़मी अजमेर दरगाह पहुंच गए थे ताकि आसानी से जियारत हो जाये।इसके बाद अजमेर दरगाह में 6 ग़ुस्ल दिया जाता हैं जो की एक एक दिन करके हर रोज़ दिया जाता हैं यानि टोटल 6 दिन लगातार ग़ुस्ल दिया जाता हैं।
और फिर 6 रजब को दरगाह पर कुल शरीफ होता हैं जो की साल 2024 में 18 जनवरी को होगा क्योंकि इस साल 2024 में 6 रजब जनवरी को हैं। दोस्तों कुछ इस तरह से हजरत ख्वाजा गरीब नवाज मोइनुद्दीन चिश्ती का उर्श होता हैं।
1 साल में 4 बार खुलता है जन्नती दरवाजा Ajmer Sharif Dargah Urs 2024
Ajmer Sharif Dargah Urs 2024: साल भर में जन्नती दरवाजा 4 बार खोला जाता है. उर्स में यह दरवाजा 6 दिनों के लिए खोला जाता है, जो कि सबसे अधिक है. एक दिन ईद-उल-फितर के मौके पर एक दिन बकरा-ईद के मौके पर और एक दिन ख्वाजा साहब के गुरु हजरत उस्मान हारुनी के सालाना उर्स के मौके पर यह जन्नती दरवाजा खोला जाता है।
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