Ayodhya Ram Mandir Babri Masjid Case History in Hindi: साल 2019 में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद, राम मंदिर बनकर तैयार है और श्रीराम की मूर्ति की प्राण-प्रतिष्ठा होने जा रही है। इस मौके पर हम उस इतिहास के बारे में जान लेते हैं जिसने आज के राम मंदिर के स्वरूप की नींव रखी। इस आर्टिकल में हम आपको बाबरी मस्जिद से लेके राम मंदिर तक की पूरी घटना के बारे में बताने वाले है जो जानकारी आपके लिए बहुत ही ज्यादा काम की होने वाली है। आर्टिकल को बहुत ही ध्यान पूर्वक पढ़े-
Ayodhya Ram Mandir Babri Masjid Case History in Hindi
Ayodhya Ram Mandir Babri Masjid Case History in Hindi: 1529 में मीर बाकी द्वारा बाबरी मस्जिद का निर्माण किया गया था। 1885: अदालती विवाद शुरू हुआ – महंत रघुबीर दास ने मस्जिद से सटी जमीन पर मंदिर बनाने की मांग करते हुए मामले में पहला मुकदमा दायर किया। फैजाबाद के जिला मजिस्ट्रेट (डीएम) ने उन्हें अनुमति देने से इनकार कर दिया। इसके बाद, महंत रघुबीर दास ने बाबरी मस्जिद के चबूतरे पर मंदिर बनाने की अनुमति मांगते हुए भारत के राज्य सचिव के खिलाफ फैजाबाद अदालत में एक शीर्षक मुकदमा दायर किया। फैजाबाद कोर्ट ने उनकी याचिका खारिज कर दी।
फिर दिसंबर 1949 में 22 दिसंबर की रात को, मस्जिद के अंदर राम की मूर्ति प्रकट हुई। हिंदू मूर्ति के प्रकट होने को एक दैवीय रहस्योद्घाटन के रूप में देखते हैं हालांकि कई लोग तर्क देते हैं कि मूर्ति को रात में तस्करी करके अंदर लाया गया था। सरकार साइट को “विवादित क्षेत्र” घोषित करती है और प्रवेश द्वार पर ताला लगा देती है। 1950: हिंदू पक्षों ने मुकदमा दायर किया – राम लला के लिए हिंदू पूजा आयोजित करने की अनुमति मांगने के लिए गोपाल सिमला विहारद और परमहंस राम चंद्र दास द्वारा फैजाबाद अदालत में दो मुकदमे दायर किए गए।
कोर्ट ने दी दोनों पक्षों को पूजा करने की अनुमति
Ayodhya Ram Mandir Babri Masjid Case History in Hindi के बारे में कोर्ट ने दोनों पक्षों को पूजा करने की अनुमति दे दी। न्यायालय ने आंतरिक प्रांगण के द्वारों को बंद रखने का आदेश दिया। फिर 1959 में तीसरा हिंदू मुकदमा दायर किया गयानिर्मोही अखाड़े ने जमीन पर कब्ज़ा मांगने के लिए तीसरा मुकदमा दायर किया। और फिर उसके बाद 1961 में मुस्लिम पक्ष ने बाबरी मस्जिद स्थल पर कब्ज़ा पाने के लिए मुकदमा दायर किया।
वे बाबरी मस्जिद से राम की मूर्तियां हटाने की भी मांग करते हैं। और फिर देखते ही देखते 1984 में राम जन्मभूमि आंदोलन शुरू होगया विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) ने राम जन्मभूमि आंदोलन शुरू करने के लिए एक समूह का गठन किया। बीजेपी नेता लालकृष्ण आडवाणी को प्रचार का नेता बनाया गया है।
और फिर 1 फरवरी 1986: बाबरी मस्जिद का आंतरिक गेट खोला गया, Ayodhya Ram Mandir Babri Masjid Case History in Hindi एक तीसरे पक्ष, वकील यूसी पांडे ने फैजाबाद सत्र न्यायालय के समक्ष दरवाजे खोलने की अपील की, इस आधार पर कि अदालत ने नहीं बल्कि फैजाबाद जिला प्रशासन ने इसे बंद करने का आदेश दिया था। इतना सब देखने के बाद जिला न्यायाधीश ने हिंदुओं को “पूजा और दर्शन” की अनुमति देने के लिए ताले हटाने का आदेश दिया। 9 नवंबर 1989: शिलान्यास किया गया – प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने वीएचपी को विवादित क्षेत्र के पास शिलान्यास (शिलान्यास) करने की अनुमति दी। 1989 में सभी मालिकाना हक के मुकदमे इलाहाबाद उच्च न्यायालय में स्थानांतरित कर दिये गये।
Ayodhya Ram Mandir Babri Masjid Case History in Hindi के तहत राम लला विराजमान के नाम से एक और मुकदमा उच्च न्यायालय में दायर किया गया था, जिसमें निर्मोही अखाड़ा (1959) और सुन्नी वक्फ बोर्ड (1961) के पक्षों को प्रतिवादी के रूप में नामित किया गया था। इसके अतिरिक्त दोनों पक्षों ने कई तरह के संघर्ष किये। और इसके बाद
साल 2019 में आखिरकार आया ऐतिहासिक फैसला
Ayodhya Ram Mandir Babri Masjid Case History in Hindi के फैसले में चीफ जस्टिस गोगोई ने साल 2019 में 5 जजों की बेंच बनाई और पुराने 2018 वाले फैसले को खारिज कर दिया। 8 मार्च 2019 को दो दिन की सुनवाई के बाद जमीनी विवाद को आपसी सहमति से सुलझाने की बात एक बार फिर से कही गई। नवंबर 2019 आते-आते सुप्रीम कोर्ट ने हिंदू पक्ष के हित में फैसला सुनाया और राम मंदिर को एक ट्रस्ट के जरिए बनवाने का आदेश दिया। इसके साथ सुन्नी वक्फ बोर्ड को 5 एकड़ जमीन दी गई, जहां अयोध्या में मस्जिद बनवाया जाना था।
दिसंबर तक इस मुद्दे पर कई पिटीशन फाइल की गई और सुप्रीम कोर्ट ने इस मुद्दे को खारिज कर दिया। Ayodhya Ram Mandir Babri Masjid Case History in Hindi में फरवरी 2020 को श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की स्थापना हुई। लोकसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसकी घोषणा की। सुन्नी वक्फ बोर्ड ने 5 एकड़ जमीन को स्वीकार किया और अगस्त 2020 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राम मंदिर का शिलान्यास किया। अब 22 जनवरी 2024 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा ही रामलला की मूर्ति का प्राण-प्रतिष्ठा किया जाना है। आप लोग Ayodhya Ram Mandir Babri Masjid Case History in Hindi को हमेशा याद रखे
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