22 जनवरी को भगवान श्री राम की जन्म भूमि अयोध्या में राम मंदिर का उद्घाटन होना है। रामलीला प्राण प्रतिष्ठा समारोह की तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं। राम मंदिर को लेकर हो रहे कार्यक्रम में और इसके निर्माण को लेकर भाजपा और विपक्ष अपनी-अपनी प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं। Babri Masjid Ayodhya News में आपको बता दें कि इसी बीच कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मणिशंकर अय्यर ने एक बड़ा बयान दिया है।
क्या बयान दिया नेता मणिशंकर अय्यर ने
मणिशंकर अय्यर जगरनॉट द्वारा प्रकाशित की गई पुस्तक “द राजीव न्यू और व्हाई ही वाज इंडियाज मोस्ट मिसअंडरस्टूड प्राइम मिनिस्टर” के लॉन्च पर बोल रहे थे। Babri Masjid Ayodhya News में कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर ने कहा कि अटल बिहारी वाजपेई की BJP को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चुरा लिया है। अय्यर ने कहा कि राजीव गांधी का रहे थे कि मस्जिद रखो और मंदिर बना। एक तरह से फैसला वही है जी निष्कर्ष पर राजीव गांधी आ रहे थे।
अय्यर ने कहा कि बाबरी मस्जिद का ताला खोलने के लिए अरुण नेहरू का हाथ था। ताला खोलने पर आगे कहां की, तले खुलेगा और बड़ी तादाद में हिंदू, जो जानबूझकर इकट्ठा किए गए थे, अंदर आ गए और राजीव गांधी को इसके बारे में कुछ नहीं पता था। हां ताला खोलने में कांग्रेस का हाथ था। Babri Masjid Ayodhya News में लेकिन उस कांग्रेसी को पता था कि राजीव गांधी कार्यकारी आदेश को रद्द करते हुए कभी उन तालों को खोलने की अनुमति नहीं देंगे।
राजीव गांधी अगर जिंदा होते तो…
राजीव गांधी के साथ प्रधानमंत्री रहते हुए बतौर अधिकारी के रूप में कम कर चुके मणि शंकर अय्यर ने इस पुस्तक में बाबरी मस्जिद, राम जन्मभूमि मुद्दा, राजीव जयवर्धने समझौता, भारतीय शांति सेना और शाहबानो मामला जैसे प्रमुख मामलों पर प्रकाश डाला। Babri Masjid Ayodhya News में अय्यर ने कहा कि लोकसभा में 400 से ज्यादा सीटों के बहुमत के साथ राजीव गांधी के पास कोई वजह नहीं थी कि वह हिंदुओं को प्रोत्साहित करें और मुसलमान को खुश करें।
मणिशंकर अय्यरने कहा कि राजीव गांधी अगर जिंदा होते और पी.वी. नरसिम्हा राव की जगह अगर प्रधानमंत्री होते तो बाबरी मस्जिद आज भी कायम होती। तभी भाजपा को उचित जवाब दिया गया होता और राजीव गांधी ने भी कोई वैसा ही समाधान निकाल होता जैसा सुप्रीम कोर्ट ने सालों बाद निकाला। Babri Masjid Ayodhya News में, उन्होंने 1986 में बाबरी मस्जिद के ताले खोलने के पीछे उसे समय पार्टी में दबदबा रखने वाले अरुण नेहरू को जिम्मेदार ठहराया।
Babri Masjid Ayodhya News तुच्छ राजनीति का हिस्सा नहीं कांग्रेस
उन्होंने अपनी नई पुस्तक के विमोचन के दौरान कहा कि अगर राजीव गांधी की 1991 में मौत नहीं हुई होती तो अयोध्या विवाद का ऐसा समाधान होता जिसमें मस्जिद भी बनी रहती और राम मंदिर भी बनता। Babri Masjid Ayodhya News में, उन्होंने कहा कि ताला खोलने के लिए राजीव गांधी को नहीं बल्कि कांग्रेस को जिम्मेदार ठहरना चाहिए। इसीलिए कांग्रेस तुच्छ राजनीति का हिस्सा नहीं बना और अयोध्या में राम लला प्राण प्रतिष्ठा समारोह का निमंत्रण स्वीकार नहीं किया।
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