कैसे तैयार की जाती है अजमेर शरीफ दरगाह की देग: अजमेर के केंद्र में स्थित, ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की अजमेर शरीफ दरगाह सूफी संत का आशीर्वाद लेने वाले लाखों तीर्थयात्रियों को आकर्षित करने के लिए दुनिया भर में पहचानी जाती है हर हजारों की संख्या में यह पाक स्थान लोगों के साथ भरा रहता है। दरगाह शरीफ के 811वें उर्स पर दुनिया जहान से अकीतमंद सजदा करने पहुंच रहे हैं।
राजस्थान के अजमेर में 15 दिनों तक चलने वाले उर्स में देश-विदेश के लाखों पर्यटक जियारत के लिए अजमेर पहुंचते हैं। ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह में दुनिया के सबसे बड़ी दो देग मौजूद हैं। अजमेर शरीफ में यह देग मुगल बादशाह अकबर ने मन्नत पूरी होने पर दरगाह पर पेश की थी। इस बड़ी देग में 120 मन यानि 4800 किलो चावल एक साथ पकाए जाते हैं। ऐसी ही एक और भी देग है जो छोटी देखकर नाम से जानी जाती है।।
आपको बता दे कि यह बड़ी देख मुगल बादशाह अकबर ने बनवाई थी बताया जाता है कि मुगल बादशाह ने औलाद होने की मन्नत पूरी होने पर बड़ी देख पेश की थी इतिहास में दर्ज है कि मुगल बादशाह अकबर ख्वाजा गरीब नवाज में गहरी आस्था रखते थे। बताया जाता है की औलाद की मन्नत पूरी होने के बाद मुगल के बादशाह अकबर आगरा से अजमेर तक पैदल चलकर आया था।
कैसे तैयार की जाती है अजमेर शरीफ दरगाह की देग
कैसे तैयार की जाती है अजमेर शरीफ दरगाह की देग: खादिम सुल्तान अली ने बताया कि छोटी और बड़ी देखने मीठे चावल पकाए जाते हैं। ।सका कारण भी उन्होंने बताया बोले सूफी ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह पर सभी धर्म के लोग आते हैं यही वजह है की छोटी और बड़ी देग में कभी भी मांसाहारी भोजन नहीं पकाया गया नहीं और ना ही लहसुन प्याज का उपयोग कभी इसमें नही किया गया है।
छोटी और बड़ी देग केवल मीठे चावल ही पकाए जाते हैं जो रात में पकते हैं और सुबह जहरीनो में तकसीम किया जाते हैं। उन्होंने बताया कि अंजुमन कमेटी अच्छी देखरेख और ठेके का काम देखते हैं और उसके मौके पर हर रोज छोटी देख में तब रख पकाया जाता है। उर्स के पर सभी धर्म के मानने वाले ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह पर आते हैं इसीलिए देख में मीठे चावल पकाए जाते हैं जिसे दरगाह में आए सभी को पेश किया जाता है जिस की दरगाह में आए कोई भी कोई भी भूखाना रह पाए।
सामग्रियां जिसका होता है प्रयोग
कैसे तैयार की जाती है अजमेर शरीफ दरगाह की देग इसके बारे में हमने आपको ऊपर बताया है उम्मीद करते हैं अब आपको जानकारी मिल गयी होगी कैसे तैयार की जाती है अजमेर शरीफ दरगाह की देग अब हम आपको सामग्रियां बताएँगे जिसका होता है प्रयोग। आपकी जानकारी के लिए बता दे कि इस केसरिया भात भी कहा जाता है।
आवश्यक सामग्रियों में चावकैसे तैयार की जाती है अजमेर शरीफ दरगाह की देगल देसी घी में भी शक्कर केसर इलायची आदि सामग्रियां हैं। बताया जाता है की छोटी देख पवन के लिए पहले ही बुकिंग करवानी होती है हैदराबाद से जियारत के लिए आए जायरीन सैयद अहमद हुसैन हाशमी ने बताया कि वह 8 वर्ष से दरगाह आ रहे हैं यह बड़ी छोटी देख उनके लिए हमेशा आकर्षण का केंद्र रही है। अजमेर शरीफ में मौजूद इन देगो में लोग अपनी श्रद्धा के अनुसार पैसे चावल शक्कर व इलाइची इसमें डालते हैं। दरगाह हजरत निजामुद्दीन पर उर्स के मौके पर नूरानी मंजर लगता है।
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