इमाम जाफर के कुंडे की नियाज़: जब भी माहे रजब का चाँद नज़र आता है ! तो हमारे मन में एक ख़याल जरूर आता है ! क्यूंकि सोशल मीडिया पर इस तरह के मेसेज बार बार आते है जिसे पड़ कर हम सोचने पर मजबुर हो जाते है कि इमाम जाफर के कुंडे की नियाज़ हम कब कराएँ यदि आप आपके मन में भी यही सवाल आता है तो अब आपको परेशान होने की कोई दिक्कत नही है क्योंकि आज के इस आर्टिकल में हम आपको इमाम जाफर के कुंडे की नियाज़ कब कराएँ इससे सम्बंधित सारी जानकारी डिटेल्स में देने वाले हैं।
हजरत इमामें जाफर सादिक़ ये हजरत हजरत इमाम हुसैन रजिअल्लाहु ताला अन्हु के परपुते हैं। इमामें हुसैन रजिअल्लाहु ताला अन्हु के बेटे हजरते इमामे जैनुल आबिदीन रजिअल्लाहु ताला अन्ह हैं इनके बेटे हजरते इमामे बाकर इनके बेटे हजरते इमामे जाफर सादिक रजिअल्लाहु ताला अन्ह हैं। सादिक इनके सच्चे की विना पर कहा जाता था इनके तक्वाये परहेज दारी पर ज़माने को नाज था। बड़े बड़े अलीम इनके तक्वाये परहेजगारी पर नाज करते थे।
जैसे कि आप सभी जानते ही होंगे कि कुंडे की नियाज़ हजरत इमाम जाफर अल सादिक रह. अलैह की याद में मनाया गया कहा जाता है कि इस दिन खीर-पूड़ी बनाकर कुंडे में रखकर मांगी गई मुराद पूरी होती है। चलिए जानते हैं इमाम जाफर के कुंडे की नियाज़ करना चाहिए कूंडे की नियाज़ 15 को करें या 22 रजब सारी जानकारी विस्तार से।
कूंडे की नियाज़ 15 को करें या 22 रजब को
इमाम जाफर के कुंडे की नियाज़: सय्यदे इमामे सादिक की इमाम जाफर के कुंडे की नियाज़ जरुर से जरुर दिलाना चाहिए। लेकिन बहुत से लोगो के मन में यह सवाल आता है कि कूंडे की नियाज़ 15 को करें या 22 रजब को तो हम आपको बता दें कि इमाम की विशाल या पैदाइश या शहादत किसी भी दिन हो नियाज़ दिलाने के लिए कोई दिन मुताईयन नही है किसी भी दिन नियाज़ दिला सकते हैं। अगर शहादत के दिन दिलाइये तो ज्यादा बेहतर है लेकिन 22 तारीख को भी जो दिलाते हैं वो भी गलत नही है।
22 रजब को भी इमाम जाफर के कुंडे की नियाज़ को दिलाया जा सकता है जो लोग सिद्दत करते हैं की उसी दिन दिलायो उसी दिन दिलाओ तो मैं आपको बता दूँ कि ऐसा कुछ भी नही है। 22 रजब को हमारे यहाँ इमाम जाफर के कुंडे की नियाज़ दिलाई जाती है वो भी दिलाई जाना चाहिए। आप जनना चाहते होंगे की 22 रजब को क्यों दिलाते हैं न उस दिन विशाल है ना सहादत है तो आपको बता दें की 22 रजब को अल्लह ताला ने सय्यदे इमामे जाफर सादिक को मकामे गौसियत अता फ़रमाया।
मकामे गौसियत अता फ़रमाया इसलिए हम 22 रजब को इमाम जाफर के कुंडे की नियाज़ दिलाते हैं और हुजूर ताजो शरिया जब हयात थे तब लोगो ने आपसे पूछा कि 22 रजब को इमामे सादिक की नियाज़ क्यों दिलाते हैं तो आपने फ़रमाया की हमारा कि हम किसी भी दिन आप इमाम जाफर के कुंडे की नियाज़ कर सकते हैं। ये जो इमाम जाफर सादिक की सहादत है 15 रजब इस दिन को भी कुंडे की नियाज़ कर सकते हैं।
कुंडे की नियाज़ किन चीज़ो पर दिलाई जाती है? (इमाम जाफर के कुंडे की नियाज़)
- इस फातिहा में कोई भी हलाल चीज़ पर फातिहा दिला सकते हैं ज़रूरी नहीं कि खीर पूरी ही बनाई जाए बिरयानी, दही,मछली,गोश्त, चने, जलेबी, मिठाई हर हलाल चीज़ की नज़्र पेश की जा सकती है।
- फातिहा दिलाने के लिए नियाज़ का खाना दिन, रात,शाम, दोपहर किसी भी वक़्त बनाया और खिलाया जा सकता है।ज़रूरी नही कि सुबह या दिन का ही वक़्त हो।
- फातिहा एक साल की तो हर साल करना ज़रूरी है ऐसा मानना भी गलत है अगर अल्लाह ने आपको हैसियत दी है तो हर साल हर बुजुर्ग की फातिहा करनी चाहिए। किसी साल किसी जायज़ वजह से फातिहा न कराई तो कोई हर्ज नही लेकिन न कर पाए तो यह सोचना कि अब इमाम जाफर सादिक़ रज़ियल्लाहु अन्हु मुझसे नाराज़ हो जाएंगे और मेरे घर पर मुसीबत आ जायेगी ऐसा सोचना गलत है।
कुंडे हैं कुडली लड्डू खाए जलेबी”
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